लारेंस बिश्नोई के खिलाफ वसूली का केस साबित नहीं कर पाई मोहाली पुलिस, कोर्ट में पेश की अनट्रेस रिपोर्ट
9 महीने की लंबी जांच के बाद भी पुलिस को ठोस सबूत नहीं मिले
By: Khushi Aggarwal
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मोहाली पुलिस ने लारेंस बिश्नोई के खिलाफ वसूली और आपराधिक साजिश के मामले में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल की।
विनोद राणा, चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़: कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के खिलाफ वसूली, सबूत मिटाने और आपराधिक साजिश रचने के गंभीर आरोपों में दर्ज किए गए एक मामले को मोहाली पुलिस सिरे नहीं चढ़ा पाई। इस मामले में लगभग 9 महीने लंबी जांच के बाद अब पुलिस ने मोहाली कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है। इस केस का नाम स्टेट बनाम लारेंस बिश्नोई था और इसे आईपीसी की धारा 384 (वसूली), 201 (सबूत मिटाना), 202 (जानकारी छिपाना), 116 (अपराध के लिए उकसाना), 120बी (आपराधिक साजिश) और द प्रिजन (पंजाब एमेंडमेंट एक्ट) 2011 की धारा 52ए(1) के तहत दर्ज किया गया था। यह एफआईआर इसी साल 5 जनवरी को दर्ज की गई थी।
9 महीने की जांच के बाद भी सबूत नहीं मिले
पुलिस ने अपनी अनट्रेस रिपोर्ट में कहा है कि इतने लंबे समय तक चले इस मामले में जांच के दौरान कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे, जिनसे आरोप सिद्ध किए जा सकें। केस में शिकायतकर्ता इंस्पेक्टर हरदीप सिंह ने अपनी उपस्थिति में अदालत में यह रिपोर्ट पेश की और जांच के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी दी। उनके बयान के मुताबिक, इस केस की जांच एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की गई थी, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी प्रमोद कुमार (आईपीएस) और निलांबरी विजय जगदाले (आईपीएस) शामिल थे।
एसआईटी की सिफारिश और पुलिस की कार्रवाई
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि इस मामले में आईपीसी की धारा 506 (धमकी देना) के तहत अपराध को छोड़कर बाकी सभी अपराधों में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। इसलिए एसआईटी ने बाकी धाराओं में कैंसलेशन रिपोर्ट दाखिल करने की सिफारिश की। इंस्पेक्टर हरदीप सिंह ने इस रिपोर्ट से अपनी सहमति जताते हुए कहा कि वह एसआईटी की सिफारिशों से सहमत हैं और मोहाली पुलिस थाना, स्टेट क्राइम के एसएचओ होने के नाते वह कोर्ट में कैंसलेशन रिपोर्ट फाइल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोर्ट इस रिपोर्ट को स्वीकार करता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
कोर्ट की सुनवाई की तिथियां
इस मामले में 9 महीने से चल रही जांच के बाद जब अनट्रेस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई, तब ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट मनप्रीत कौर की अदालत ने 11 अक्तूबर को इस रिपोर्ट पर विचार के लिए तारीख निर्धारित की थी। कोर्ट ने इस तारीख पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 21 नवंबर तय की है। अब इस तारीख को अदालत यह तय करेगी कि क्या अनट्रेस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
लारेंस बिश्नोई का आपराधिक इतिहास
लारेंस बिश्नोई पहले से ही कई गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है, जिनमें हत्या, वसूली और आपराधिक साजिश जैसे मामले शामिल हैं। उसके खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में कई केस दर्ज हैं और वह एक कुख्यात गैंगस्टर के रूप में पहचाना जाता है। मोहाली में उसके खिलाफ दर्ज इस नए मामले को लेकर पुलिस ने पहले उम्मीद जताई थी कि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलेंगे, लेकिन जांच के बाद पुलिस ने खुद यह स्वीकार किया कि ज्यादातर धाराओं में वे ठोस सबूत पेश करने में असमर्थ रहे।
पुलिस और कानूनी विशेषज्ञों के विचार
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अनट्रेस रिपोर्ट का फाइल होना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन इस मामले में लारेंस बिश्नोई जैसे एक हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर के खिलाफ पर्याप्त सबूत न मिल पाना पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस को अपनी जांच और मजबूत करनी चाहिए थी, ताकि ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध हो सकें। अब सभी की नजरें 21 नवंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जब अदालत यह फैसला करेगी कि इस केस में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी और अनट्रेस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
Edited By: Khushi Aggarwal