आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट का सख्त रुख

पीजीआई प्रशासन को तुरंत हड़ताल खत्म करने के आदेश

आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट का सख्त रुख

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पीजीआई आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल को तत्काल समाप्त करने का आदेश दिया, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश शील नागू की बेंच ने 10 अक्टूबर से चल रही पीजीआई के आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल को तत्काल समाप्त करने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि यदि कर्मचारी इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो चंडीगढ़ प्रशासन, पीजीआई और पुलिस को 1947 के 'पंजाब आवश्यक सेवाएं (रखरखाव) अधिनियम' के तहत बलपूर्वक कार्रवाई करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।

ठेकेदारों को भी नोटिस जारी

हाईकोर्ट ने पीजीआई प्रशासन को अपने और ठेकेदारों के बीच हुए समझौते के तहत सभी आवश्यक कदम उठाने की अनुमति दी है। अदालत ने ठेकेदारों को भी नोटिस जारी कर उनसे 6 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

हड़ताल से पीजीआई का कामकाज बाधित

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल के कारण पीजीआई की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। अस्पताल की सफाई व्यवस्था और मरीजों की देखभाल में गंभीर बाधा उत्पन्न हो गई है, जिससे अस्पताल की सामान्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि इन कर्मचारियों की नियुक्ति निजी ठेकेदारों के माध्यम से हुई है, उन्हें संवैधानिक रूप से हड़ताल का अधिकार नहीं है, खासकर जब यह आवश्यक सेवाओं को बाधित कर रहा हो।

पीजीआई प्रशासन ने लगाई थी रोक लगाने की मांग

यह आदेश पीजीआई प्रशासन द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आया। प्रशासन ने अदालत को अवगत कराया कि हड़ताल के चलते अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, और परिसर में कूड़े और बायोवेस्ट के ढेर लग गए हैं। इस वजह से सामान्य सेवाएं बाधित हो रही हैं और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यूनियन ने रखी अपनी बात

दूसरी ओर, आउटसोर्स कर्मियों की यूनियन ने हाईकोर्ट में बताया कि उनके सेवा से जुड़े कुछ मुद्दे हैं जिनका ठेकेदार या पीजीआई प्रशासन ने समाधान नहीं किया है। यूनियन ने कहा कि सफाई और हाउसकीपिंग स्टाफ के कुछ सेवा विवादों को लेकर यह हड़ताल की गई है। कोर्ट ने अंत में कहा कि अस्पताल की सेवाओं को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए आवश्यक कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए।

Edited By: Khushi Aggarwal

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