वकील नीरज हंस की मौत की जांच अब क्राइम ब्रांच के हवाले

आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी और डी-बार की मांग पर वकीलों का विरोध प्रदर्शन तेज

वकील नीरज हंस की मौत की जांच अब क्राइम ब्रांच के हवाले

सेक्टर-43 जिला अदालत में वकील नीरज हंस की मौत की संवेदनशीलता को देखते हुए मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।

चंडीगढ़ दिनभर 
चंडीगढ़: सेक्टर-43 जिला अदालत में प्रैक्टिस करने वाले वकील नीरज हंस की मौत मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उच्च अधिकारियों ने इसकी जांच सैक्टर-36 थाना पुलिस से हटाकर क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। वकीलों की ओर से लगातार गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग के बीच यह कदम उठाया गया है।
 
तीन एफ.आई.आर. दर्ज, गहन जांच की मांग
 
नीरज हंस की मौत के बाद इस मामले में पुलिस ने तीन एफ.आई.आर. दर्ज की हैं। पहली एफ.आई.आर. मृतक के भाई की शिकायत पर दर्ज की गई, जिसमें तीन वकीलों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। दूसरी एफ.आई.आर. एक महिला वकील और उसके सहकर्मी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। तीसरी एफ.आई.आर. उसी महिला वकील की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें एक अन्य वकील पर भारतीय दंड संहिता की धारा 74 के तहत उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
 
शिकायतकर्ता महिला वकील के अनुसार, घटना के दिन वह अपने सहकर्मी के साथ पार्किंग में स्कूटर लेने गई थी, तभी एक अन्य वकील, जिसके साथ उसकी कुछ समय से बातचीत बंद थी, वहां पहुंचा। इसी बीच नीरज हंस भी मौके पर पहुंचे और बहस में हस्तक्षेप करने लगे। इस दौरान नीरज हंस को छाती में घूंसा मारा गया, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें पहले सैक्टर-34 के निजी अस्पताल और फिर पीजीआई ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
 
नीरज हंस की मृत्यु के बाद चंडीगढ़ के वकीलों में गुस्सा फैल गया है।  सेक्टर-43 जिला अदालत में वकीलों ने चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आरोपी वकीलों, खासकर वकील रविंदर सिंह बस्सी उर्फ जौली और अन्य दो वकीलों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे अदालत परिसर में धरना देंगे।
 
वकील जौली को डी-बार करने की मांग
 
मृतक नीरज हंस के भाई हरदीप हंस और अन्य वकीलों ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रोहित खुल्लर से मुलाकात कर आरोपी वकील जौली को बार एसोसिएशन से निष्कासित (डी-बार) करने की मांग की है। साथ ही, वकीलों ने डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अरुणवीर वशिष्ट से भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
 
अब जबकि यह मामला क्राइम ब्रांच के पास चला गया है, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जांच के दौरान क्या नए तथ्य सामने आते हैं और आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं। वकील समुदाय द्वारा की गई विरोध की चेतावनी से मामला और गरमा सकता है।
 
 
Edited By: Khushi Aggarwal

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