9 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट का कब्जा

उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को 14.35 लाख रुपये 10% ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया

9 साल बाद भी नहीं मिला फ्लैट का कब्जा

खरीदार के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार पर उपभोक्ता आयोग का सख्त रुख, बिल्डर की लापरवाही पर भारी जुर्माना

चंडीगढ़ दिनभर 
चंडीगढ़: जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 9 साल बाद भी फ्लैट का कब्जा न देने के मामले में यू.टी. बिल्डर्स एंड प्रोमोटर्स लिमिटेड को कड़ी सजा सुनाई है। आयोग ने बिल्डर को सेवा में कोताही का दोषी मानते हुए खरीदार को 14 लाख 35 हजार रुपये 10% वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। इसके अलावा, आयोग ने आरोपी पक्ष को खरीदार के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए दोषी ठहराया।
 
आयोग ने इस मामले में एकतरफा फैसला सुनाया, क्योंकि निर्धारित समय सीमा में बिल्डर की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया था। इस निर्णय के तहत लुधियाना के निवासी बलबीर सिंह भल्ला को राहत दी गई, जिन्होंने बिल्डर के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार और लापरवाही का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी।
 
फ्लैट का कब्जा देने में 9 साल की देरी
 
बलबीर सिंह भल्ला ने अपनी शिकायत में बताया कि नवंबर 2005 में उन्होंने डेराबस्सी के बरवाला रोड पर स्थित यू.टी. बिल्डर्स एंड प्रोमोटर्स लिमिटेड के ग्रीन एस्टेट प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए संपर्क किया था। फ्लैट की कीमत 14 लाख 50 हजार रुपये तय की गई थी, और बिल्डर ने 2 से 3 साल के भीतर कब्जा सौंपने का वादा किया था।
 
30 नवंबर 2005 को बलबीर सिंह ने 50 हजार रुपये की बुकिंग राशि जमा कर दी थी। इसके बाद एक महीने में एक लाख 10 हजार रुपये का और भुगतान किया गया। उन्होंने एल.आई.सी. से ऋण लेकर 2 लाख 75 हजार रुपये का भी भुगतान कर दिया। इस तरह कुल राशि का एक बड़ा हिस्सा जमा करने के बाद भी उन्हें 9 साल तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिला। इसके चलते उन्होंने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया।
 
आयोग का निर्णय और बिल्डर पर जुर्माना
 
आयोग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए और सभी तथ्यों की जांच के बाद बिल्डर को दोषी ठहराया। आयोग ने कहा कि यू.टी. बिल्डर्स एंड प्रोमोटर्स लिमिटेड ने सेवा में कोताही की है और ग्राहक को अपने वादे के अनुसार समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं सौंपा।
 
इसके परिणामस्वरूप, आयोग ने बिल्डर को आदेश दिया कि वह बलबीर सिंह भल्ला को 14 लाख 35 हजार रुपये 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए। साथ ही, आयोग ने बिल्डर के खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाइयों की भी सिफारिश की है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और अनुचित व्यापार व्यवहार को रोका जा सके।
 
अन्य खरीदारों के लिए एक बड़ा संदेश
 
इस फैसले को अन्य उन खरीदारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है, जो अपने घर का इंतजार कर रहे हैं और जिन्हें बिल्डर द्वारा वादों के बावजूद समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया। आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिल्डरों को ग्राहक के अधिकारों की अनदेखी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और लापरवाही या अनुचित व्यवहार के मामलों में कड़ी सजा दी जाएगी।
 
 
Edited By: Khushi Aggarwal

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