पंजाब सरकार ने जेलों में सुरक्षा के लिए अपनाई ए.आई. तकनीक
जेलों में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग
By: Khushi Aggarwal
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पंजाब सरकार ने जेलों में अपराधियों पर नजर रखने और सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित तकनीक लागू करने का फैसला किया है।
चंडीगढ़ दिनभर
पंजाब: पंजाब सरकार ने जेलों के भीतर सुरक्षा और अपराध नियंत्रण को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने राज्य की जेलों में सुरक्षा बढ़ाने और अपराधियों पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है।
राज्य की सभी जेलों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा कि जेलों को पूरी तरह से अपराध मुक्त बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेलों में उन्नत निगरानी उपकरणों की तैनाती की जाए ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी नजर रखी जा सके। मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की आवाजाही को रोकने के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल अनिवार्य है।
लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पंजाब में कैदियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए नई जेलों और बैरकों के निर्माण की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जेलों में अपराधियों का प्रभाव कम से कम हो, जिससे समाज में अपराध की दर को नियंत्रित किया जा सके।
उन्होंने जेल विभाग के लिए आवश्यक फंडों की कमी को दूर करने का आश्वासन दिया और कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से जल्द ही मुलाकात की जाएगी। उनका उद्देश्य जेलों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है ताकि अपराधियों को सुधारने में मदद मिल सके।
बैठक के दौरान, भुल्लर ने कैदियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक प्रशिक्षण की योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम न केवल कैदियों के पुनर्वास में मदद करेंगे, बल्कि उन्हें अपराध की दुनिया से दूर रखकर समाज की मुख्यधारा में शामिल करने में भी सहायक होंगे।
जेल अधीक्षकों ने अपनी-अपनी जेलों में मौजूद चुनौतियों का सामना करते हुए, सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। मंत्री ने आश्वासन दिया कि जेल प्रबंधन में सुधार के लिए दीर्घकालिक उपाय लागू किए जाएंगे और सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। भुल्लर ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पंजाब की जेलें आधुनिक मानकों के अनुरूप हों और अपराधियों के लिए सुधार का एक सकारात्मक केंद्र बनें।"
Edited By: Khushi Aggarwal