रेस्टोरेंट और पब में साझेदारी के नाम पर 75 लाख की धोखाधड़ी, 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
व्यवसायिक साझेदारी में ठगी का शिकार, आरोपियों के खिलाफ पुलिस जांच शुरू
By: Khushi Aggarwal
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अग्रवाल कॉलोनी के रवि कुमार ने 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने 5 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की।
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़: अग्रवाल कॉलोनी, जलालाबाद निवासी रवि कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने नरेश जसूजा, आयुष जसूजा, गुरप्रीत सिंह, सुरेश डोगरा और अमित मित्तल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। मामला धोखाधड़ी का है, जिसमें शिकायतकर्ता रवि कुमार से कथित तौर पर रेस्टोरेंट और पब खोलने की साझेदारी के नाम पर 75 लाख रुपये की ठगी की गई है।
शिकायत के अनुसार, रवि कुमार को उक्त आरोपियों ने व्यवसाय में साझेदार बनने का प्रस्ताव दिया था। यह साझेदारी चंडीगढ़ में एक रेस्टोरेंट और पब खोलने को लेकर थी, जिसके लिए रवि कुमार ने आरोपियों को 75 लाख रुपये का निवेश किया। रवि का कहना है कि उसने यह राशि पूरी तरह से विश्वास में दी, क्योंकि आरोपियों ने उसे रेस्टोरेंट और पब से होने वाले मुनाफे का हिस्सा देने का वादा किया था।
धोखाधड़ी का खुलासा
शिकायतकर्ता के अनुसार, पैसे लेने के बाद नरेश जसूजा और अन्य आरोपी अपने वादे से मुकर गए। न तो रेस्टोरेंट और पब खोला गया और न ही मुनाफे का कोई हिस्सा दिया गया। जब रवि कुमार ने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो आरोपियों ने तरह-तरह के बहाने बनाकर उसे टाल दिया। रवि ने आरोप लगाया कि उसे इस धोखाधड़ी की भनक तब लगी जब आरोपियों ने बातचीत बंद कर दी और कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
रवि कुमार ने जब अपने पैसे वापस लेने के प्रयास किए, तो उसे लगातार धमकियों का सामना करना पड़ा। अंततः उसे मजबूरन पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। शिकायत दर्ज होते ही चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस जांच जारी
चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच अधिकारी आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि आरोपियों ने साझेदारी के नाम पर कई अन्य लोगों से भी पैसे लिए हो सकते हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं यह धोखाधड़ी का एक बड़ा नेटवर्क तो नहीं, जिसमें और भी लोग शामिल हों।
साझेदारी में धोखाधड़ी के मामले बढ़ते हुए
इस घटना ने एक बार फिर व्यवसायिक साझेदारी में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर ध्यान आकर्षित किया है। अक्सर लोग अपने करीबी या भरोसेमंद व्यक्तियों के साथ साझेदारी में व्यवसाय शुरू करते हैं, लेकिन कई बार यह साझेदारी धोखाधड़ी का रूप ले लेती है। इस मामले में भी रवि कुमार ने विश्वास में आकर अपनी मेहनत की कमाई आरोपियों को दे दी, लेकिन उसे धोखा दिया गया।
Edited By: Khushi Aggarwal