मंथली से लेकर मर्डर तक की कहानी
चंडीगढ़ के मनीमाजरा क्षेत्र में अवैध वेंडिंग सिंडिकेट के चलते हुई हत्या ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए
मनीमाजरा में अवैध वेंडिंग के चलते मंथली विवाद के परिणामस्वरूप हुई हत्या ने क्षेत्र की सुरक्षा और प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर किया है।
चंडीगढ़ (हिमान्शु शर्मा): चंडीगढ़ के मनीमाजरा क्षेत्र, जो कभी एक शांत और सुगम इलाका माना जाता था, हाल ही में अवैध वेंडिंग जोन और आपराधिक गतिविधियों के चलते चर्चा में आ गया है। यह मामला उस वक्त और भी गंभीर हो गया जब मंथली देने के विवाद ने मर्डर का रूप ले लिया। यह घटना मनीमाजरा में एक लंबी अवधि से चल रहे अवैध वेंडिंग सिंडिकेट और उससे जुड़े आपराधिक तत्वों की गहराई से पर्दा उठाती है।
अवैध वेंडिंग: एक पुरानी समस्या
मनीमाजरा में सड़क किनारे अवैध वेंडर्स की उपस्थिति कोई नई बात नहीं है। यह वेंडर्स बिना प्रशासन की अनुमति के सालों से अपना व्यापार चलाते आ रहे थे। इनके पास न तो कोई लाइसेंस था, न ही सरकारी मंजूरी। लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं और आपराधिक तत्वों की मिलीभगत से इन वेंडर्स ने धंधा जमाए रखा। इसके बदले, उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि, जिसे "मंथली" कहा जाता है, इन तत्वों को देनी पड़ती थी।
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों के अनुसार, मनीमाजरा में अवैध वेंडिंग का एक मजबूत सिंडिकेट काम कर रहा था, जो इन वेंडर्स से नियमित मंथली वसूलता था। इस सिंडिकेट का जाल इतना बड़ा था कि वे स्थानीय प्रशासन की नज़रों से बचते हुए वेंडर्स को सुरक्षा प्रदान करते थे। यह सिलसिला लंबे समय से बिना किसी बड़े विवाद के चलता रहा, लेकिन हाल ही में स्थिति ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया।
मंथली विवाद से मर्डर तक
हाल ही में, एक वेंडर और सिंडिकेट के गुंडों के बीच मंथली को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई, और फिर एक मर्डर के साथ समाप्त हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हत्या अवैध वेंडिंग जोन के भीतर की आपसी रंजिश और वसूली के पैसों को लेकर हुआ झगड़ा था।
मर्डर के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की गहन छानबीन शुरू की। पुलिस के मुताबिक, हत्या मंथली से जुड़ी गुटबाजी का नतीजा थी। पुलिस ने इस संबंध में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अवैध वेंडिंग सिंडिकेट को तोड़ने की कोशिशों में जुट गई है।
अवैध वेंडिंग सिंडिकेट: एक जटिल समस्या
हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह सिंडिकेट पिछले कई सालों से मनीमाजरा में काम कर रहा है और इसे समाप्त करना प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। दुकानदारों ने इस समस्या की शिकायत कई बार प्रशासन से की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। एक व्यापारी ने कहा, "हमने कई बार प्रशासन से अनुरोध किया, लेकिन हमारी समस्याओं को अनदेखा किया गया। अब मर्डर जैसी घटना हो चुकी है, लेकिन क्या अब भी कुछ ठोस होगा?"
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की योजना
मर्डर के बाद से प्रशासन और पुलिस ने मनीमाजरा में अवैध वेंडिंग पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि जल्द ही अवैध वेंडिंग जोन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय नगर निगम ने कहा है कि वे मनीमाजरा बस स्टैंड के आसपास के इलाकों में अवैध वेंडर्स को हटाने का अभियान जल्द ही शुरू करेंगे और इस क्षेत्र की व्यवस्था को फिर से बहाल करेंगे।
समाज सेवक रामेश्वर गिरी ने इस मामले में नगर निगम की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है, "मनीमाजरा बस स्टैंड पर बने अवैध वेंडिंग जोन को नगर निगम को जल्द से जल्द खाली करवाना चाहिए। अगर यह नहीं हुआ, तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।"
स्थानीय नागरिक और समाजसेवी भी प्रशासन से तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि अवैध वेंडिंग के इस जटिल जाल को खत्म किया जाए और मनीमाजरा को फिर से सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जाए।
अवैध धंधे का अंत या एक और घटना?
मनीमाजरा में अवैध वेंडिंग और मंथली वसूली के खिलाफ चल रही प्रशासनिक कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। क्या यह मर्डर अवैध धंधे के अंत का संकेत है या यह सिर्फ एक और घटना बनकर रह जाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और क्या वाकई मनीमाजरा की सड़कें फिर से शांत हो पाएंगी।