मां शैलपुत्री की उपासना से सुख-समृद्धि, नवरात्रि के पहले दिन की पूजा विधि
चंडीगढ़: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आज, 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हो गया है। यह महापर्व 11 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ नवरात्रि का आरंभ हो गया है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो हिमालय की पुत्री और पूर्व जन्म में सती थीं।
मां शैलपुत्री की उपासना से जीवन में सुख, स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। भक्तजन आज मां शैलपुत्री के विग्रह या चित्र को लाल या सफेद वस्त्र पर स्थापित कर, सफेद वस्त्र और फूल अर्पित करते हैं। साथ ही, उन्हें गाय के शुद्ध घी और सफेद बर्फी का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे साधक को उत्तम स्वास्थ्य और इच्छित वर की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के प्रथम दिन साधक अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते हैं, जिससे आध्यात्मिक शक्तियों का जागरण होता है। जीवन के कष्टों और नकारात्मकता से मुक्ति पाने के लिए पान के पत्ते पर लौंग, सुपारी, और मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को अर्पण करने का विधान है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को दिनभर रहेगी, और कलश स्थापना का कार्य पूरे दिन किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए दो प्रमुख शुभ मुहूर्त बताए गए हैं:
- सुबह 06:30 बजे से 07:31 बजे तक
- दोपहर 12:03 बजे से 12:51 बजे तक
शारदीय नवरात्रि का यह महापर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है और मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करता है।