जीरकपुर के पटियाला चौक पर देह व्यापार और नशे का कारोबार, पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इलाके में धड़ल्ले से चल रहा है अवैध धंधा, स्थानीय लोग असुरक्षित
रात के अंधेरे में जीरकपुर के पटियाला चौक और आसपास के इलाकों में देह व्यापार और नशे का कारोबार खुलेआम चलता है। पुलिस की निष्क्रियता और संरक्षण के आरोपों से स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं।
जीरकपुर (राहुल, हरजीत सिंह): जीरकपुर के पटियाला चौक और इसके आसपास की रातें देह व्यापार और नशे के कारोबार से गुलजार होती हैं। रात 12 बजे के बाद इन इलाकों में नशा करने वालों और देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं का जमावड़ा लग जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह इलाका रात को असुरक्षित हो जाता है, खासकर परिवारों के लिए। यहां की सड़कों और होटलों में रात भर देह व्यापार और नशे का धंधा खुलेआम चलता है।सूत्रों के अनुसार, इन गतिविधियों में लिप्त महिलाएं ग्राहकों को नशे की लत लगाने के लिए प्रेरित करती हैं। वे नशा उपलब्ध कराने का वादा करती हैं और फिर होटल के अंदर नशे की सामग्री मंगवाकर ग्राहकों के साथ इसका सेवन करती हैं। यह सारा कारोबार इतनी सफाई से चलता है कि सुबह होते ही सब कुछ सामान्य दिखने लगता है।हाल ही में, एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें किन्नरों और देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं के बीच झगड़े की स्थिति देखी गई।
इस वीडियो में स्पष्ट रूप से बताया जा रहा है कि वे पुलिस को पैसा देकर संरक्षण प्राप्त करती हैं। वीडियो में एक ग्राहक से छीना-झपटी और पैसे वसूलने का मामला भी सामने आया। इस वीडियो को चंडीगढ़ दिन भर की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, जहां इसे देखा जा सकता है।जब चंडीगढ़ दिन भर की टीम इस मामले की रिपोर्टिंग कर रही थी, तभी 112 नंबर की एक पुलिस गाड़ी मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने पत्रकारों पर वीडियो को डिलीट करने का दबाव बनाया, जिससे बहस भी हो गई। पुलिस की इस कार्रवाई ने सवाल खड़े कर दिए कि क्या स्थानीय पुलिस देह व्यापार और नशे के इस गोरखधंधे में शामिल है।जब मौके पर मौजूद एएसआई से इस पर सवाल किए गए, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि उनकी गाड़ी में एक मरीज है और वे उसकी देखभाल करने जा रहे हैं।
उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए वहां से निकलने की कोशिश की।स्थानीय सूत्रों का कहना है कि देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को नशा करने वाले व्यापारी पहले नशे की लत लगाते हैं और फिर उन्हें देह व्यापार करने पर मजबूर करते हैं। ये महिलाएं ग्राहकों को होटल ले जाकर नशा मंगवाती हैं, जिसे होटल के कमरे में पहुंचाया जाता है। इसके बाद दोनों पक्ष नशे का सेवन करते हैं और देह व्यापार का धंधा चलता है।यह सबकुछ पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सवाल उठता है कि क्या यह राजनीतिक दबाव का नतीजा है या फिर नशा माफियाओं का रसूख इतना मजबूत है कि पुलिस आंखें मूंदे बैठी है?