इजराइली सेना ने लेबनान में 250 हिजबुल्लाह लड़ाकों को मार गिराया, हवाई हमले तेज
IDF ने पिछले 4 दिनों में 2000 से ज्यादा हिजबुल्लाह सैन्य ठिकानों को किया तबाह, अमेरिका ने ईरान पर हमले के खिलाफ दी सलाह
इजराइल ने दक्षिणी और उत्तरी लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ हवाई हमले तेज कर दिए हैं। बाइडेन ने इजराइल को ईरान पर एटमी ठिकानों पर हमला न करने की सलाह दी है।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दक्षिणी लेबनान के बाद अब उत्तरी लेबनान में भी हवाई हमले तेज कर दिए हैं। IDF ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि पिछले 4 दिनों के ऑपरेशन में उन्होंने 250 हिजबुल्लाह लड़ाकों को मार गिराया है। इनमें से 5 बटालियन कमांडर, 10 कंपनी कमांडर और 6 प्लाटून कमांडर शामिल हैं। IDF ने हिजबुल्लाह के 2000 से ज्यादा सैन्य ठिकानों को भी तबाह कर दिया है।
इजराइली हमले की वजह से लेबनान से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। कई लोग सीरिया की ओर भाग रहे हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान से अब तक 3 लाख लोग सीरिया जा चुके हैं। वहीं, लेबनान सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 12 लाख से ज्यादा लोगों ने इजराइली हमलों के डर से देश छोड़ दिया है। इजराइल के हमले बढ़ने के साथ ही यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि इजराइल ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह ईरान के हमले का जवाब कैसे देगा। उन्होंने इजराइल को ईरान के एटमी ठिकानों और तेल भंडारों पर हमला न करने की सलाह दी है। बाइडेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर वे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की जगह होते, तो दूसरे विकल्पों पर विचार करते। उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल और ईरान के बीच जंग नहीं होने वाली है और वे मिडिल ईस्ट में जंग रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
बाइडेन के इस बयान के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इजराइल, ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में उसके एटमी ठिकानों पर हमला कर सकता है। CNN ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले का एक साल पूरा हो रहा है। ऐसे में इजराइल की जवाबी कार्रवाई को रोक पाना मुश्किल हो सकता है।
बाइडेन ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका, ईरान के एटमी ठिकानों पर हमले का समर्थन नहीं करेगा। वे चाहते हैं कि बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान हो। रिपोर्ट के अनुसार, कई अमेरिकी अधिकारियों ने इजराइल को ईरान पर हमला करने का समर्थन दिया है, लेकिन कुछ का मानना है कि इससे मिडिल ईस्ट में जंग छिड़ सकती है, जो कि किसी भी पक्ष के लिए सही नहीं होगा।
लेबनान में चल रही इस हिंसा और इजराइल-ईरान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच, मध्य-पूर्व की स्थिति और भी जटिल हो गई है। इस पूरे मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं, जो किसी भी तरह से मिडिल ईस्ट में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।