सेक्टर 15-11 डिवाइडिंग रोड पर मॉक ड्रिल ने मचाया हड़कंप

कैंटीन में बम होने की अफवाह से क्षेत्र में फैली दहशत, बाद में निकली मॉक ड्रिल

सेक्टर 15-11 डिवाइडिंग रोड पर मॉक ड्रिल ने मचाया हड़कंप

चंडीगढ़ के सेक्टर 15 और 11 के डिवाइडिंग रोड पर चंडीगढ़ पुलिस की मॉक ड्रिल ने लोगों में भय का माहौल पैदा किया, जो बाद में स्थिति की गंभीरता को उजागर करती है।

चंडीगढ़ दिनभर 
चंडीगढ़: सेक्टर 15 और सेक्टर 11 के डिवाइडिंग रोड पर उस समय हड़कंप मच गया जब लोगों को यह सूचना मिली कि चंडीगढ़ पुलिस की कैंटीन में बम रखा गया है। इस खबर से इलाके में दहशत फैल गई और लोगों ने अफरा-तफरी मचानी शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस और बम स्क्वॉड की टीम ने इलाके को घेर लिया और जांच शुरू की, जिससे लोगों के बीच तनाव और बढ़ गया।
 
स्थिति को और गंभीर बनाते हुए आसपास के लोग सोचने लगे कि बम कभी भी फट सकता है। पुलिस की गाड़ियों और बम निरोधक दस्ते की सक्रियता से माहौल और भी संजीदा हो गया। इलाके में मौजूद लोग इस डर में थे कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए।
 
बम स्क्वॉड की टीम ने जगह-जगह बम की तलाश शुरू कर दी, जिससे घटनास्थल पर खड़े लोग और अधिक भयभीत हो गए। जांच के दौरान, पुलिस अधिकारी भी पूरी तैयारी के साथ मौजूद रहे और एक-एक कोने की बारीकी से जांच की।
 
मॉक ड्रिल की हकीकत का खुलासा
 
हालांकि, कुछ समय बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह सबकुछ एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जो त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को परखने के लिए किया गया था। इस मॉक ड्रिल के जरिए पुलिस ने अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का परीक्षण किया, ताकि वास्तविक स्थिति में बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
 
जब तक मॉक ड्रिल खत्म नहीं हुई, किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह एक नकली ऑपरेशन था। पुलिस की गंभीरता और तत्परता को देखते हुए लोगों को यही लगा कि मामला बेहद संवेदनशील है। ऑपरेशन के समाप्त होते ही लोगों को राहत की सांस मिली और सच्चाई सामने आई कि यह सिर्फ एक मॉक ड्रिल थी।
 
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी मॉक ड्रिल्स
 
गौरतलब है कि चंडीगढ़ पुलिस समय-समय पर ऐसे मॉक ड्रिल्स करती रहती है। इससे पहले भी शहर के कई हिस्सों में पुलिस ने इस तरह की ड्रिल्स कर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया है। आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने यह अभ्यास किया था, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी विभाग तैयार रहें। इस घटना ने पुलिस की मुस्तैदी और तैयारी को एक बार फिर उजागर किया। हालांकि, शुरुआत में लोग घबरा गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस कदम की सराहना की, क्योंकि यह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था।
 
मॉक ड्रिल क्यों है ज़रूरी?
 
मॉक ड्रिल्स सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। इन अभ्यासों के जरिए पुलिस और अन्य आपातकालीन सेवाएं किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को परखती हैं। मॉक ड्रिल्स से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी संकट के समय सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें और जान-माल का नुकसान कम से कम हो।
 
चंडीगढ़ पुलिस की तैयारी
 
त्योहारों के मौसम में चंडीगढ़ पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। मॉक ड्रिल्स के जरिए संभावित खतरे से निपटने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारियों का परीक्षण किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी आपातकाल में सभी इकाइयां सक्रिय रूप से काम करेंगी।
 
 
 
 
Edited By: Khushi Aggarwal

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