पूर्व IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह के घर ईडी का छापा
1 करोड़ कैश, 12 करोड़ के हीरे, 7 करोड़ का सोना बरामद
By: Khushi
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300 करोड़ के लोटस-300 घोटाले में शामिल होने के आरोपों के तहत चंडीगढ़ में रिटायर्ड IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह के घर पर ईडी की छापेमारी हुई, जिसमें नकदी, हीरे और सोने के आभूषण जब्त किए गए। ईडी की जांच से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
विनोद राणा, चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ में एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के घर पर छापा मारा है। इस कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने 1 करोड़ रुपए की नकदी, 12 करोड़ रुपए के हीरे, 7 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण और कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं। मोहिंदर सिंह नोएडा विकास प्राधिकरण (एनडीए) के पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) रह चुके हैं और उन पर 300 करोड़ रुपए के लोटस-300 हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
लोटस-300 हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाला: 300 करोड़ की वित्तीय अनियमितता
लोटस-300 हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाले की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई है। यह प्रोजेक्ट 2018 में नोएडा के सेक्टर 107 में शुरू हुआ था, जिसमें होसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जमीन दी गई थी। इस दौरान 300 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया, जिसमें ग्राहकों से 636 करोड़ रुपए इकट्ठा किए गए थे, लेकिन इसमें से 191 करोड़ रुपए अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए गए थे, जिनका निर्माण कार्य से कोई संबंध नहीं था।
ईडी ने बीते 48 घंटों में दिल्ली, मेरठ, नोएडा और चंडीगढ़ समेत कई स्थानों पर छापेमारी की है। ईडी को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनसे यह पुष्टि होती है कि इस प्रोजेक्ट में भारी अनियमितताएं की गई हैं। इसके साथ ही, अन्य अधिकारियों और रियल एस्टेट कंपनियों की भी संपत्तियों की जांच की जा रही है।
नोएडा विकास प्राधिकरण की लापरवाही और हाईकोर्ट की फटकार
नोएडा विकास प्राधिकरण (एनडीए) को इस मामले में हाईकोर्ट की सख्त फटकार भी झेलनी पड़ी थी। कोर्ट ने एनडीए को 10 साल से अधिक समय तक अपने बकाए की स्थिति की अनदेखी करने के लिए दोषी ठहराया था। इस लापरवाही के चलते प्रोजेक्ट में घोटाले की संभावना और बढ़ गई, जिससे ग्राहकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।
2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने लोटस-300 प्रोजेक्ट से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में 3C कंपनी के तीन डायरेक्टरों - निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह, और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। इन पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं, जिसमें ग्राहकों के पैसों का दुरुपयोग किया गया।
14 अरब रुपए के स्मारक घोटाले में भी मोहिंदर सिंह का नाम
मोहिंदर सिंह का नाम इससे पहले 14 अरब रुपए के स्मारक और पार्क निर्माण घोटाले में भी सामने आया था। यह घोटाला बसपा सरकार के दौरान नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों से जुड़ा था। उस समय विजिलेंस ब्यूरो ने मोहिंदर सिंह से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन वे ऑस्ट्रेलिया में होने के कारण पेश नहीं हो पाए थे।
मोहिंदर सिंह बसपा सरकार के खास अधिकारियों में गिने जाते थे और उन्हें 2011 में नोएडा अथॉरिटी का सीईओ बनाया गया था। इस मामले में बसपा के नेता बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में हैं।
ईडी की जांच में हो सकते हैं बड़े खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय ने मोहिंदर सिंह के घर से मिले दस्तावेजों और संपत्ति को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इस छापेमारी के बाद घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं। ईडी के अनुसार, मोहिंदर सिंह के खिलाफ दर्जनों गंभीर आरोप हैं, जिनमें से कई बड़े घोटालों से जुड़े हैं।
ईडी द्वारा मोहिंदर सिंह के घर से बरामद की गई संपत्ति
1 करोड़ रुपए की नकदी
12 करोड़ रुपए के हीरे
7 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण
Edited By: Khushi