पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के अतिरिक्त रोड टैक्स वसूली के फैसले को खारिज किया
अदालत ने कहा, 'रोड टैक्स वाहन की खरीद की वास्तविक कीमत पर ही लगाया जाएगा, पोर्टल पर अपडेट की गई कीमत पर नहीं
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले को अस्वीकार कर दिया, जिसमें वाहन की खरीद के बाद मूल्य वृद्धि के आधार पर अतिरिक्त रोड टैक्स वसूला जा रहा था। अदालत ने स्पष्ट किया कि रोड टैक्स केवल वाहन की वास्तविक खरीद मूल्य पर ही लगाया जा सकता है, न कि पोर्टल पर बाद में अपडेट की गई कीमत पर। इस निर्णय से वाहन मालिकों को राहत मिली है, जिन्होंने कीमत में वृद्धि के कारण अधिक रोड टैक्स चुकाने की शिकायत की थी।
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वाहन खरीद के बाद मूल्य में वृद्धि के आधार पर अतिरिक्त रोड टैक्स वसूलने के चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले को खारिज कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि रोड टैक्स केवल वाहन की खरीद के समय की वास्तविक कीमत पर ही लगाया जाएगा, न कि पोर्टल पर बाद में अपडेट की गई कीमत के अनुसार।
यह फैसला वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो खरीद के बाद कीमत में बढ़ोतरी के कारण अधिक रोड टैक्स चुकाने पर मजबूर थे। यह निर्णय अलंकार नरूला द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें एडवोकेट राणा गुरतेज सिंह और निखिल गोयल के माध्यम से चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वसूले गए अतिरिक्त रोड टैक्स को चुनौती दी गई थी।
याचिका की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने 19,79,054 रुपए की वास्तविक कीमत पर वाहन खरीदा था और 10 जून 2022 को पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। लेकिन, पोर्टल पर वाहन की कीमत बढ़कर 20,16,892 रुपए हो गई, जिसके चलते प्रशासन ने 8 प्रतिशत रोड टैक्स की मांग की, जबकि पहले यह 6 प्रतिशत थी।
अदालत का निर्णय
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और संजय वशिष्ठ की पीठ ने प्रशासन के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि रोड टैक्स केवल वाहन खरीद की वास्तविक कीमत पर ही लगाया जाना चाहिए। पोर्टल पर बाद में होने वाले मूल्य परिवर्तन के आधार पर टैक्स वसूलने का कोई वैध आधार नहीं है।
प्रशासन का पक्ष
चंडीगढ़ प्रशासन ने तर्क दिया कि पोर्टल पर दिखाई गई कीमत केंद्र सरकार द्वारा अपडेट की गई थी और राज्य का इस पर कोई नियंत्रण नहीं था। इसलिए प्रशासन ने 8 प्रतिशत रोड टैक्स वसूला। हालांकि, अदालत ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया और प्रशासन को अतिरिक्त वसूली गई राशि को वापस करने का आदेश दिया।
इस फैसले से वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब वे केवल वाहन की खरीद के समय की कीमत के अनुसार रोड टैक्स चुकाएंगे।