मंडी पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, मारपीट की घटना में घायल युवक की शिकायत नहीं सुनी
पुलिस की लापरवाही का मामला एसपी मंडी तक पहुंचा, ग्रामीणों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
मंडी जिले में एक घायल युवक की शिकायत सुनने में पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसे लेकर एसपी मंडी ने जांच के आदेश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में मंडी की सिटी चौकी के प्रभारी के बाद अब गागल पुलिस चौकी के कर्मियों पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं। यह मामला तब सामने आया जब 18 सितंबर की रात को मारपीट की घटना में घायल एक युवक ने गागल पुलिस चौकी में अपनी शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने न सिर्फ उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया बल्कि उसकी बात सुनने को भी तैयार नहीं हुई।
सकरोहा निवासी पुरुषोत्तम ने बताया कि उसे और उसके दो अन्य साथियों, बिशन चंद और मुनीश, के साथ इलाके के तीन लोगों ने बेवजह मारपीट की। हमलावरों में से एक व्यक्ति मंडी में डीआईजी ऑफिस में कार्यरत है। मारपीट की इस घटना में पुरुषोत्तम गंभीर रूप से घायल हो गया और वह रात करीब साढ़े 11 बजे गागल पुलिस चौकी शिकायत दर्ज करवाने पहुंचा। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने के बजाय उसे नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद वह रत्ती पुलिस थाना गया, जहां से मिले आदेशों के बाद गागल पुलिस चौकी की टीम ने मौके पर आकर कार्रवाई की।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब श्री गुरू रविदास महासभा हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष तारा चंद भाटिया ने आरोप लगाया कि गागल पुलिस चौकी को गुंडातत्वों पर नकेल कसने के लिए खोला गया था, लेकिन इसके उलट यहां के कर्मी गुंडों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने एसपी मंडी से पुलिस चौकी के स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और मारपीट के मामले में भी तुरंत कार्रवाई की गुहार लगाई है।
इस बारे में एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने कहा कि गागल पुलिस चौकी की लापरवाही की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने भरोसा दिलाया कि वे स्वयं इस मामले में संज्ञान लेंगी और पूरी कार्रवाई अपनी निगरानी में करवाएंगी।