शिमला संजौली मस्जिद विवाद पर प्रदर्शन था सुनियोजित
पुलिस जांच में हुआ खुलासा, पत्थरबाजी और हिंसा की थी साजिश
11 सितंबर को हुए प्रदर्शन में पत्थरबाजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया, पुलिस ने साजिश की पुष्टि की।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की शिमला में संजौली मस्जिद विवाद पर 11 सितंबर को बड़ा प्रदर्शन हुआ था, जिसमें पत्थरबाजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियां भांजी और वॉटर केनन का भी इस्तेमाल किया। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह प्रदर्शन पूरी तरह से सुनियोजित था और पुलिस पर पत्थरबाजी की साजिश रची गई थी।
शिमला पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, और यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं था। इस मामले में 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं, और 400-500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिनमें से करीब 200 लोगों की पहचान हो चुकी है। 70 से 80 पत्थरबाजों की भी पहचान कर ली गई है। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने पुष्टि की कि पत्थरबाजों की गिरफ्तारी जल्द होगी। जांच में यह भी सामने आया कि पुलिस पर पत्थर फेंकने वालों में एक पुलिस अधिकारी का बेटा भी शामिल था। कुछ लोगों ने जनभावनाओं का फायदा उठाकर प्रदर्शन को हिंसक बना दिया। पुलिस इस प्रदर्शन के पीछे धनबल और राजनीतिक साजिश की आशंका की भी जांच कर रही है।
एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए जनभावनाओं को भड़काया गया और लोगों को संजौली आने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले सीसीटीवी में कैद हुए हैं, और फुटेज में यह देखा गया कि कैसे जेबों में पत्थर भरे गए थे। पुलिस ने कहा कि 8 मामले दर्ज किए गए हैं, और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पत्थरबाजों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने कहा कि साजिश का पर्दाफाश कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।