मंडी में ड्योड टनल के ऊपर धंसी जमीन का गड्ढा 5 दिन की मेहनत में भरा गया
राहत की बात, टनल को नहीं पहुंचा कोई नुकसान
मंडी जिले के पंडोह में 18 सितंबर को ड्योड टनल के ऊपर धंसी जमीन के गड्ढे को भरने का कार्य 5 दिन में पूरा हुआ, और टनल सुरक्षित है।
मंडी, हिमाचल प्रदेश: मंडी जिले के पंडोह में 18 सितंबर को ड्योड टनल के ऊपर हुई जमीन धंसने की घटना के बाद बना गड्ढा 5 दिन की कड़ी मेहनत के बाद पूरी तरह से भर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में राहत की बात यह सामने आई है कि धंसने से टनल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इस दौरान गड्ढे को भरने के लिए कंकरीट और सीमेंट का उपयोग किया गया।
सोमवार को एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर, आईआईटी (IIT) और एनएचएआई (NHAI) के विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और टनल के अंदर भी गई। जांच में पाया गया कि धंसने वाले स्थान से टनल को अंदरूनी तौर पर कोई नुकसान नहीं हुआ है।
एसडीएम सदर का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे असीम सूद ने बताया कि आईआईटी से आई विशेषज्ञों की टीम ने मौके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की है। भविष्य में इनकी रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
गड्ढे को भरने के लिए शपूरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत की। गड्ढे को भरने के लिए 110 टिप्पर पत्थर और 30 टीएम कंकरीट का इस्तेमाल किया गया। 5 दिन की मेहनत के बाद इस गड्ढे को सोमवार को पूरी तरह से भर दिया गया है। अब इस पर सरिया और सीमेंट डालकर कंक्रीटिंग की जा रही है, ताकि सड़क को जल्द यातायात के लिए बहाल किया जा सके।
स्थानीय ग्राम पंचायत हटौण की प्रधान रोशनी देवी और ड्योड गांव के लोगों ने इस कार्य के लिए शपूरजी पलौनजी कंपनी का आभार जताया है। प्रभावित लोगों ने सरकार और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। प्रभावित हरदेव शर्मा ने बताया कि इस घटना के कारण उन्हें अपने घर खाली करने पड़े हैं और वे किराए के कमरों में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनल निर्माण से गांव के जल स्त्रोत सूख गए हैं, इसलिए गांव के लिए पानी की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।