15 दिनों बाद प्रचार में दिखीं कुमारी सैलजा, क्या कांग्रेस में खत्म हुई नाराजगी?

राहुल गांधी की रैली में मंच साझा करते दिखीं कुमारी सैलजा, हुड्डा का नाम भी संबोधन में लिया

15 दिनों बाद प्रचार में दिखीं कुमारी सैलजा, क्या कांग्रेस में खत्म हुई नाराजगी?

हरियाणा चुनाव प्रचार में लंबे समय बाद कुमारी सैलजा ने हिस्सा लिया, राहुल गांधी की रैली में शामिल होकर हुड्डा का नाम भी संबोधन में लिया। इससे उनकी नाराजगी खत्म होने के संकेत मिले हैं।

चंडीगढ़: 15 दिनों की अनुपस्थिति के बाद, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दलित नेता कुमारी सैलजा ने हरियाणा चुनाव 2024 के प्रचार में वापसी की है। करनाल के असंध में आयोजित राहुल गांधी की रैली में कुमारी सैलजा ने मंच से संबोधन दिया, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि उनकी नाराजगी शायद अब समाप्त हो गई है। सैलजा के मंच पर आने और भाषण देने से यह स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिशें सफल हो रही हैं।

रैली के दौरान कुमारी सैलजा ने सबसे पहले राहुल गांधी का नाम लिया और फिर अपने भाषण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी उल्लेख किया। यह अहम है क्योंकि बीते कुछ समय से कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच आपसी तकरार की खबरें आ रही थीं। रैली में, सैलजा ने केवल 5 से 7 मिनट का भाषण दिया और ज्यादातर समय गंभीर मुद्रा में ही नजर आईं।

राहुल गांधी पर ज्यादा बातें कीं
कुमारी सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी का मान-सम्मान बढ़ाया है और उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा है। सैलजा ने कहा, "हरियाणा में 10 साल के कुशासन का बदला लेने का समय आ गया है। अब 36 बिरादरी और सभी लोग कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। हम सबको मिलकर भाई शमरेस सिंह गोगी को और अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताना है।"

भूपेंद्र हुड्डा ने भी सैलजा का नाम लिया
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मंच पर सैलजा का नाम लेकर उन्हें बड़ा नेता बताया और कहा कि कांग्रेस में सबका सम्मान है। हुड्डा ने कहा, "राहुल गांधी देश के सर्वमान्य नेता हैं और जनता में उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद से कांग्रेस के प्रति लोगों का उत्साह बढ़ा है। भाजपा ने पिछले 10 साल में केवल घोषणाएं की हैं, लेकिन लोग उनके काम को परख सकते हैं।"

क्या है सैलजा-हुड्डा की तकरार?
पिछले कुछ समय से कुमारी सैलजा कांग्रेस से नाराज चल रही थीं। टिकट आवंटन के दौरान उन्हें अधिक तवज्जो नहीं दी गई थी, जिसके बाद से वह 12 सितंबर से प्रचार से दूर थीं। उन्होंने इस दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी। भाजपा ने इस मुद्दे को दलित समाज के अपमान के रूप में उठाया था। लेकिन अब, कांग्रेस के भीतर सैलजा और हुड्डा के बीच तालमेल बनता नजर आ रहा है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "कुमारी सैलजा कांग्रेस से नाराज नहीं थीं, बल्कि यह सिर्फ अफवाहें थीं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुनने की पूरी प्रक्रिया है और हाईकमान इस पर अंतिम फैसला करता है।" कुल मिलाकर, कुमारी सैलजा का इस रैली में शामिल होना कांग्रेस के लिए राहत की बात है और इससे पार्टी की चुनावी रणनीति को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

Edited By: Khushi Aggarwal

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