चंडीगढ़ में सौर ऊर्जा पैनल के अनिवार्य आदेश पर भारी असंतोष
500 वर्ग गज और उससे अधिक के घरों के मालिकों को नोटिस, संपत्ति जब्ती की दी गई धमकी
चंडीगढ़ में यूटी प्रशासन द्वारा 4,000 से अधिक घरों में सौर ऊर्जा पैनल लगाने के आदेश ने स्थानीय निवासियों में भारी असंतोष फैलाया है।
चंडीगढ़ यूटी प्रशासन द्वारा 4,000 से अधिक घरों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने के आदेश पर शहर में भारी असंतोष फैल गया है। प्रशासन ने 500 वर्ग गज और उससे अधिक के घरों के मालिकों को नोटिस जारी करते हुए दो महीने के भीतर सोलर पैनल न लगाने पर संपत्ति जब्त करने की धमकी दी है। यह कदम चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स (शहरी) के अनुपालन के तहत उठाया गया है, लेकिन कई स्थानीय निवासी इसे प्रशासन की मनमानी और जबरदस्ती बता रहे हैं।
सेक्टर 21 के निवासी मोहिंदर प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें भी नोटिस मिला है, जबकि उनका घर 500 वर्ग गज की सीमा में नहीं आता। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह नागरिकों को धमकाने के बजाय सरकारी इमारतों में सौर पैनल लगाने से शुरुआत करे। उनका कहना है कि यह परियोजना फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसे जिस तरीके से थोपा जा रहा है, वह गलत है। निवासियों ने अपने घरों के साथ क्या करना है, यह चुनने की स्वतंत्रता की मांग की है।
चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशन वेलफेयर फेडरेशन (CRAWFED) के चेयरमैन तेज पुरी और फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (FOS-WAC) के अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू ने भी प्रशासन के इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगाना एक महंगा निवेश है और सभी इसे वहन नहीं कर सकते। इसके अलावा, कई निवासियों ने इंस्टॉलेशन के दौरान सुरक्षा चिंताओं को उठाया है। हालांकि कुछ ने इस पहल का समर्थन भी किया है, यह स्पष्ट है कि यूटी प्रशासन की सौर पैनल लगाने की योजना ने शहर में हलचल मचा दी है।