विनोद राणा, चंडीगढ़ दिनभर 
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार बनते ही संवैधानिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मंत्रियों की संख्या पर सवाल खड़ा हो गया है। हरियाणा विधानसभा में 90 विधायकों के बावजूद, सरकार ने 14 मंत्रियों की नियुक्ति की है, जो कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत निर्धारित सीमा से अधिक है। इस मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा याचिका दाखिल की गई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
 
याचिका के अनुसार, संविधान के 91वें संशोधन के अनुसार, किसी भी राज्य में मंत्रियों की संख्या उस राज्य की विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, और इस हिसाब से मंत्रियों की संख्या 13.5 यानी अधिकतम 13 होनी चाहिए। हालांकि, वर्तमान सरकार ने 14 मंत्रियों की नियुक्ति की है, जो कि इस संवैधानिक सीमा का उल्लंघन है।
 
याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत 14 मंत्रियों को इस याचिका में प्रतिवादी बनाया है। इनमें अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर, और गौरव गौतम के नाम शामिल हैं। साथ ही, केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को भी याचिका में प्रतिवादी बनाया गया है।
 
याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि हरियाणा की पिछली 13वीं और 14वीं विधानसभा में भी 14 मंत्रियों की नियुक्ति की गई थी, जिसे भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन तब हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से इस बार शीघ्र सुनवाई की अपील की है, ताकि संवैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट सरकार के इस फैसले पर क्या निर्णय लेती है।