सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली कैदियों की रिहाई फाइलों पर जल्द निपटारे का निर्देश दिया
नई मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण के बाद फाइलों पर निर्णय जल्द होगा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कैदियों की रिहाई की फाइलों पर तीन हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली में कैदियों की रिहाई से जुड़ी फाइलों के निपटारे पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि नई मुख्यमंत्री ने अपना पद संभाल लिया है। उन्होंने कहा कि अब कैदियों की रिहाई से संबंधित फाइलों का निपटारा जल्द ही कर दिया जाएगा।
इस सूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि अब जो बदलाव हुआ है, उसके बाद फाइलों के निपटारे में कोई समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक कैदी, हरप्रीत सिंह, की सजा माफी याचिका पर तीन हफ्तों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।
यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने हरप्रीत सिंह नामक कैदी की रिहाई याचिका की सुनवाई के दौरान की। इससे पहले, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जेल में रहते हुए, सजा माफी की फाइलों पर दस्तखत नहीं कर पा रहे थे, जिससे कई कैदियों की याचिकाएं लंबित पड़ी थीं।
6 सितंबर की सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा था कि क्या फाइलों पर साइन करने से कोई रोक है। इस पर भाटी ने कहा था कि ऐसा मामला पहले कभी नहीं आया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यह सिर्फ एक केस का मुद्दा नहीं है, अन्य मामलों में भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। कोर्ट ने जोर दिया कि व्यक्तिगत आजादी से जुड़े मामलों को लंबित नहीं रखा जा सकता।