सेक्टर 10 में ग्रेनेड से हमला करने वाले आरोपियों का पुलिस रिमांड खत्म

अब चंडीगढ़ पुलिस लाएगी अमृतसर से दोनों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर

सेक्टर 10 में ग्रेनेड से हमला करने वाले आरोपियों का पुलिस रिमांड खत्म

विनोद राणा
 
चंडीगढ़: सेक्टर-10 में हुए बम धमाके के मामले में शामिल आरोपियों विशाल मसीह और रोहन मसीह जिन्हें अमृतसर एसएसओसी अपने गिरफ्तार किया था, उनकी शनिवार को अमृतसर कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह अनुमान लगाया जा रहा था कि चंडीगढ़ पुलिस दोनों आरोपियों का रिमांड लेने पहुंचेगी। लेकिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय लिया। अब चंडीगढ़ पुलिस दोनों आरोपियों का रिमांड हासिल करने के लिए अमृतसर कोर्ट में जल्द ही आवेदन करेगी। दोनों आरोपियों को पंजाब के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने बीते सप्ताह हथियारों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। जिस कोठी में हमला हुआ, वह पहले पंजाब पुलिस के रिटायर्ड एसपी जसकिरत सिंह चहल का निवास था। जसकिरत सिंह ने आतंकवाद के दौर में काफी काम किया था और खालिस्तानी समर्थकों की हिट लिस्ट में थे। 
 
अमृतसर व दिल्ली से किया गिरफ्तार 
एसएसओसी की टीम ने अमृतसर निवासी रोहन मसीह और डेरा बाबा नानक निवासी विशाल मसीह को बीते सप्ताह गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी चंडीगढ़ में बम धमाके के बाद जम्मू-कश्मीर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने अमृतसर बस स्टैंड से रोहन और दिल्ली से विशाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करने के समय उनके पास से एक विदेशी पिस्टल बरामद की गई थी, जो सरहद पार से ड्रोन के जरिए मंगवाई गई थी।
 
आरोपियों पर आतंकी गतिविधियों का आरोप
रोहन और विशाल दोनों ही पेशे से तरखान थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वे आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए। पूछताछ के दौरान रोहन ने खुलासा किया कि उसके गांव का हैप्पी पाशियां नामक व्यक्ति ने उसे आर्थिक मदद का लालच देकर आतंकी गतिविधियों में शामिल किया। दोनों के बीच 5 लाख रुपये की डील हुई थी, लेकिन रोहन को अभी तक सिर्फ 20 हजार रुपये ही मिले थे। इसी दौरान रोहन ने विशाल को भी इस काम में शामिल कर लिया और वे दोनों मिलकर चंडीगढ़ में हैंड-ग्रेनेड फेंकने की घटना को अंजाम दिया।
 
हथियारों की तस्करी में भी जुड़े थे आरोपी
रोहन और विशाल को एसएसओसी ने 8 सितंबर को दर्ज एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया था। उनके पास से बरामद पिस्टल सरहद पार से ड्रोन के जरिए मंगवाई गई थी, जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाना था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को दो बार रिमांड पर लिया गया और अब कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
 
9 सितंबर को की गई थी रेकी
गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि हमले से पहले 9 सितंबर को आरोपी सेक्टर 43 के बस स्टैंड पर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। वहां से वे सेक्टर 10 में स्थित कोठी नंबर 575 की रेकी करने पहुंचे थे। उन्होंने चारों ओर से जगह का मुआयना किया और फिर 11 सितंबर की शाम को हमले को अंजाम दिया। अब पुलिस उस व्यक्ति की तलाश कर रही है, जिससे आरोपी बस स्टैंड पर बात कर रहे थे, ताकि इस साजिश के बाकी पहलुओं का खुलासा किया जा सके।
 
रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर हुआ हमला
हमला हिमाचल प्रदेश से रिटायर्ड प्रिंसिपल केके मल्होत्रा के घर पर किया गया। घटना के समय उनका परिवार बरामदे में बैठा था, जबकि केके मल्होत्रा अंदर थे। जैसे ही वे घर के अंदर गए, बाहर ग्रेनेड फेंका गया, जो उनके पार्क में गिरा। धमाके से 8 इंच गहरा गड्ढा हो गया और आसपास के गमले और खिड़कियों के शीशे टूट गए। यह घटना 2023 की एक एफआईआर से जुड़ी मानी जा रही है, जिसमें आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा ने इस कोठी की रेकी करवाई थी।
 
 
आरोपी वॉल्वो बस से पहुंचे चंडीगढ़
पुलिस के अनुसार, हमले से दो दिन पहले यानी 9 सितंबर को आरोपी चंडीगढ़ आए थे। इस दौरान उन्होंने घर की रेकी भी की। जिस वॉल्वो बस से वे चंडीगढ़ आए थे, उसके कंडक्टर तरसेम ने बताया कि आरोपी जालंधर से बस में सवार हुए थे और बस में ही उन्होंने अपनी टी-शर्ट बदली थी। इसके बाद, उन्होंने ऑटो में भी अपनी टी-शर्ट बदली।
 
 
हमले वाले दिन की घटनाएं
11 सितंबर को दोनों संदिग्ध दोपहर 12:45 बजे अमृतसर से चंडीगढ़ आने वाली वॉल्वो बस में चढ़े। बस शाम 5:20 बजे ISBT 43 पर पहुंची। बस से उतरते ही दोनों को संयोगवश ऑटो चालक कुलदीप मिल गया। आरोपियों ने उसे देखते ही कहा, "पहचाना नहीं? दो दिन पहले तुम हमें सेक्टर-10 लेकर गए थे।" कुलदीप ने हामी भरते हुए पूछा, "अब कहां जाना है?" इस पर आरोपियों ने कहा, "फिर से उसी सेक्टर-10 की कोठी पर जाना है और वापस आना है।"
 
बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने कबूली जिम्मेदारी
इस ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली है। हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया के सोशल मीडिया अकाउंट पर पंजाबी में एक पोस्ट अपलोड की गई, जिसमें इस हमले की जिम्मेदारी ली गई। साथ ही, 1986 में जालंधर के नकोदर में हुई एक घटना का भी उल्लेख किया गया है।
Edited By: Rahul Tiwari

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