नगर निगम की लापरवाही: लाइसेंस रिन्यूअल रुका, फीस वसूली जारी

नगर निगम के हजारो वेंडर्स का लाईसेंस हो चुका हैं एक्सपायर

नगर निगम की लापरवाही: लाइसेंस रिन्यूअल रुका, फीस वसूली जारी

भरत अग्रवाल

नगर निगम चंडीगढ़ के वेंडर सेल ने शहर के वेंडर्स के लाइसेंसों का रिन्यूअल नहीं किया है, लेकिन हर महीने उनसे लाइसेंस फीस वसूलने का काम जारी है। वेंडर सेल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर के सभी वेंडर्स के लाइसेंस एक्सपायर हो चुके हैं। यह स्थिति स्ट्रीट वेंडर एक्ट के विपरीत है। वेंडर सेल केवल लाइसेंस धारकों से ही नगर निगम फीस वसूल सकता है। जब लाइसेंस एक्सपायर हो जाते हैं, तो वे निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाते हैं।

टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों ने वेंडर सेल अधिकारियों को समय-समय पर लाइसेंस रिन्यूअल करने का आग्रह किया, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। एक्ट के अनुसार, हर 5 साल में वेंडर्स के लाइसेंस का रिन्यूअल अनिवार्य है, लेकिन नगर निगम के वेंडर सेल ने 8 साल बीतने के बावजूद भी इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया। लाईसेंस एक्पायर होने के बावजूद भी नगर निगम का वेंडर सेल हर महिनें करोड़ो रूपए लाईसेंस फीस वसूल कर रहा हैं।

करोड़ों की अवैध वसूली का आरोप

चंडीगढ़ बूथ मार्केट के प्रधान मुकेश गोयल ने आरोप लगाया है कि नगर निगम का वेंडर सेल और टाउन वेंडिंग कमेटी स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उनके अनुसार, शहर के सभी वेंडिंग जोन में काम कर रहे वेंडर्स अवैध हैं क्योंकि उनका लाइसेंस रिन्यूअल नहीं किया गया है। एक्ट के अनुसार, यदि लाइसेंस 5 साल बाद रिन्यूअल नहीं होता है, तो वह स्वत: कैंसिल माना जाता है। गोयल ने यह भी कहा कि निगम की जिम्मेदारी थी कि वह लाइसेंस कैंसिल होने के बाद वेंडिंग जोन को खाली करवाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मुकेश गोयल के मुताबिक वे नगर निगम के वेंडर सेल और टाउन वेंडिंग कमेटी को  जल्द ही लीगल नोटिस भेजेंगे। यदि इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर मजबूर होंगे।

पैसों की कमी नहीं, कार्य की नीयत की कमी

नगर निगम के वेंडर सेल में पैसों की कोई कमी नहीं है। हर वेंडर हर महीने 2680 रुपए की फीस जमा करता है। वर्तमान में लगभग 3596 वेंडर्स हैं, जो नियमित रूप से अपनी फीस जमा करवा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वेंडर सेल के खाते में करोड़ों रुपए जमा हैं, जो वेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए खर्च होने चाहिए थे।

आईकार्ड बनाने में हो रहा खर्च

शहर में काम कर रहे वेंडर्स के आईकार्ड बनाने में लगभग 15 लाख रुपए का खर्च आने का अनुमान है। नगर निगम की पूर्व कमीशनर अनिंदता मित्रा ने वेंडर सेल को वेंडर्स के लाइसेंस रिन्यूअल के साथ-साथ आईकार्ड बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य मुकेश गिरी ने बताया कि वेंडर्स ने समय पर रिन्यूअल के लिए आवेदन किया था, लेकिन वेंडर सेल के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफलता दिखाई है।

स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत भ्रष्टाचार के आरोप

चंडीगढ़ बूथ मार्केट के प्रधान मुकेश गोयल ने नगर निगम के वेंडर सेल और टाउन वेंडिंग कमेटी पर गंभीर आरोप लगाया है कि वे स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत भ्रष्टाचार कर रहे हैं। शहर के सभी वेंडिंग जोन में काम कर रहे वेंडर्स अवैध हैं, क्योंकि एक्ट के अनुसार हर 5 साल में लाइसेंस का रिन्यूअल अनिवार्य है। अगर लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं किया जाता है, तो वेंडर्स के अधिकार स्वत: समाप्त हो जाते हैं। गोयल ने आरोप लगाया कि वेंडर सेल और टाउन वेंडिंग कमेटी के अधिकारियों को इस नियम के बारे में भली-भांति जानकारी है, लेकिन वे जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।

वेंडिंग जोन को खाली करवाना नगर निगम की जिम्मेदारी

चंडीगढ़ बूथ मार्केट के प्रधान मुकेश गोयल के मुताबिक लाइसेंस के कैंसिल होने के बाद वेंडिंग जोन को खाली करवाना नगर निगम की जिम्मेदारी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह निगम के वेंडर सेल के अधिकारियों की कार्रवाई में भारी लापरवाही को दर्शाता है । गोयल ने नगर निगम से मांग की है कि वह तुरंत इस स्थिति को सुधारें । अन्यथा, वे लीगल नोटिस भेजने और उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं।

टाउन वेंडिंग कमेटी की मीटिंग में पास हुआ था एजेंड

टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य के मुताबिक वेंडर्स के लाइसेंस के रिन्यूअल का एजेंडा टाउन वेंडिंग कमेटी की मीटिंग में पास हुआ था, लेकिन वेंडर सेल के अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाईसेंस रिन्यूअल नहीं हुए। अधिकांश वेंडर्स ने समय पर अपने लाइसेंस रिन्यूअल के लिए आवेदन किया था, लेकिन इन आवेदनों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन तो किया गया है, लेकिन वेंडर सेल द्वारा लिए गए निर्णयों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। वेंडर्स को एक्ट के तहत मिलने वाली सुविधाएं भी समय पर नहीं दी जा रही हैं।

इस बारे में नगर निगम के आलाअधिकारी ही बेहतर बता पाऐगे। मैं अभी किसी काम में बेहद बिजी हूं। अगर इस विषय पर विस्तार में चर्चा करनी हो तो सोमवार को ऑफीस आ जाए।

अरूण कुमार, ,एसओ, वेंडर सेल ।

Edited By: Rahul Tiwari

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