चंडीगढ़ में पार्किंग समस्या गंभीर, नगर निगम की 9 में से 8 अंडरग्राउंड पार्किंग बंद
चंडीगढ़: शहर में पार्किंग की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। चंडीगढ़ नगर निगम के अधीन आने वाली 9 अंडरग्राउंड पार्किंग में से 8 फिलहाल बंद पड़ी हैं, जिससे शहरवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल, केवल सेक्टर-17 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सामने स्थित एकमात्र अंडरग्राउंड पार्किंग चालू है। बाकी पार्किंग स्थानों की हालत खराब है, जहां पानी भरा हुआ है, दीवारें सीलन से जूझ रही हैं, और कई जगह जंग लग चुका है। यहां तक कि प्रवेश द्वार पर "अंदर जाना मना है" के बोर्ड लगा दिए गए हैं।
मरम्मत के इंतजार में पार्किंग स्थान
नगर निगम ने हाल ही में 89 पेड पार्किंग स्थलों के संचालन के लिए टेंडर जारी किया है, जिसका तकनीकी मूल्यांकन 4 अक्टूबर को किया जाएगा। टेंडर के नियमों के अनुसार, स्मार्ट पार्किंग प्रणाली लागू होने के बाद अंडरग्राउंड पार्किंग में सतही पार्किंग की तुलना में 5 रुपए कम शुल्क लिया जाएगा। लेकिन, असलियत यह है कि इन पार्किंगों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि उन्हें इस्तेमाल के लायक बनाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
सेक्टर-8 में तीन अंडरग्राउंड पार्किंग में से एक की मरम्मत चल रही है, जो 3-4 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है। पार्षद महेश इंद्र सिंह सिद्धू के अनुसार, मरम्मत कार्य पर करीब 75 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। बाकी दो पार्किंग स्थानों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें फिर से बनाना पड़ेगा।
स्मार्ट पार्किंग की योजना, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं
पार्षद सौरभ जोशी ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल से प्रशासन और नगर निगम को पत्र लिखने के बावजूद सेक्टर-17 की अंडरग्राउंड पार्किंग की स्थिति जस की तस बनी हुई है। यहां की मार्केट एसोसिएशन ने भी इन पार्किंग स्थलों को संभालने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
पुरानी पार्किंग के पुनर्निर्माण पर विचार
चंडीगढ़ प्रशासन पार्किंग की समस्या को देखते हुए नई अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने और असुरक्षित घोषित की गई पुरानी पार्किंगों के पुनर्निर्माण पर विचार कर रहा है। 2019 में आईआईटी रुड़की द्वारा सेक्टर-4 और सेक्टर-17 की तीन प्रमुख अंडरग्राउंड पार्किंग को असुरक्षित घोषित किया गया था, जिसके बाद उन्हें बंद कर दिया गया। हालांकि, अब तक उनके पुनर्निर्माण के लिए प्रशासन की मंजूरी नहीं मिल पाई है।