कोरोना वायरस के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक वृद्धि

वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक की घटनाओं में वृद्धि की बातें पूरी तरह से अफवाह

कोरोना वायरस के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक वृद्धि


-          जिन लोगों को कोविड संक्रमण हुआ थाउनमें दिल की बीमारियों का खतरा अधिक देखा जा रहाडॉ. यशपाल शर्मा

चंडीगढ़(हिमान्शु शर्मा): कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत में युवाओं में दिल के दौरे के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसारमहामारी के बाद 50 वर्ष से कम उम्र के 50% और 40 वर्ष से कम उम्र के 25% लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम काफी बढ़ा है। यह आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि अब युवाओं में दिल के दौरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैंजो पहले अधिकतर बुजुर्गों में ही देखे जाते थे।

विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि का संबंध विशेष रूप से कोविड-19 संक्रमण से हो सकता है। पीजीआई चंडीगढ़ के कार्डियो हेड डॉ. यशपाल शर्मा ने बताया कि "चंडीगढ़पंजाब सहित पूरे देश में 40 से 50 वर्ष की आयु के कई लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। जिन लोगों को कोविड संक्रमण हुआ थाउनमें दिल की बीमारियों का खतरा अधिक देखा जा रहा है।"

डॉ. यशपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक की घटनाओं में वृद्धि की बातें पूरी तरह से अफवाह हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है कि कोविशील्ड वैक्सीन हार्ट अटैक का कारण बन रही है। यह केवल एक गलतफहमी है। युवाओं को अब इस मिथक से बाहर निकलना चाहिए और अपनी जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए।"

हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारण

डॉ. यशपाल शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी आई है। जहां महामारी से पहले 25-30 प्रतिशत युवा हार्ट अटैक के शिकार हो रहे थेवहीं अब यह संख्या काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसारहार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हैं:

  1. अनियमित जीवनशैली: तनावमोटापाधूम्रपानऔर अस्वस्थ आहार जैसे कारक युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहे हैं। युवाओं में फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन भी एक बड़ा कारण है।
  2. कोविड-19 संक्रमण: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड संक्रमण के बाद शरीर में खून के थक्के जमने की घटनाएं बढ़ी हैंजो दिल की बीमारियों का कारण बन सकती हैं। जिन युवाओं को कोविड संक्रमण हुआ थाउनमें हार्ट अटैक का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक देखा जा रहा है।
  3. मानसिक तनाव: महामारी के दौरान लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के चलते मानसिक तनाव का स्तर भी बढ़ा है। लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
  4. शारीरिक निष्क्रियता: महामारी के दौरान युवाओं का शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है। ऑफिस और घर से काम के चलते अधिकांश लोग घर के अंदर रहने लगेजिससे शारीरिक सक्रियता में गिरावट आई और इससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ गया।

युवाओं को हार्ट अटैक से बचने के उपाय

हालांकिहार्ट अटैक का खतरा बढ़ा हुआ हैलेकिन कुछ सावधानियां बरत कर इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। विशेषज्ञ निम्नलिखित उपायों को अपनाने की सलाह देते हैं:

  1. स्वस्थ आहार: संतुलित और पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। फलसब्जियाँऔर साबुत अनाज का अधिक सेवन करना चाहिए और जंक फूड से परहेज करना चाहिए।
  2. नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधियों का नियमित हिस्सा बनाना बहुत जरूरी है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे वॉकिंगजॉगिंगस्विमिंग या योग करना चाहिए। व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
  3. तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए ध्यानयोग और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए। तनाव का असर सीधे दिल पर पड़ता हैइसलिए इसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।
  4. नियमित स्वास्थ्य जांच: समय-समय पर अपने रक्तचापशुगर और कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच करानी चाहिए। इससे किसी भी स्वास्थ्य समस्या का पता समय रहते लग जाता है और उसे नियंत्रित करने के उपाय किए जा सकते हैं।
  5. धूम्रपान और शराब से बचाव: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए इन आदतों से बचने की सलाह दी जाती है।
  6. भरपूर नींद: शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद बहुत महत्वपूर्ण है। हर व्यक्ति को कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिएताकि शरीर को पूरा आराम मिल सके।

हार्ट अटैक को लेकर युवाओं के लिए चेतावनी

डॉ. यशपाल शर्मा का कहना है कि "जो युवा यह सोचते हैं कि दिल का दौरा केवल बुजुर्गों में ही होता हैउन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए। युवाओं में भी दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्हें समय रहते अपनी जीवनशैली को ठीक करने की जरूरत है।" उन्होंने आगे कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम एक घंटा अपने स्वास्थ्य के लिए जरूर देना चाहिएताकि किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का संकेत समय रहते समझा जा सके।

महामारी के बाद युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। इसलिए समय रहते इन पर ध्यान देना और उचित कदम उठाना बहुत जरूरी है। हार्ट अटैक के बढ़ते खतरों से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच का पालन करना जरूरी है।

Edited By: Rahul Tiwari
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