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तहसीलदार की शिकायत करने का कानूनी तारीका
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Read More... पंजाब में धान की खेती नहीं होगी? भगवंत मान सरकार की नई पॉलिसी तैयार, अब किसानों को उगाने होंगे ये फसल
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By Khushi
पंजाब भीषण भू-जल संकट का सामना कर रहा है और खेती के पानी की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए, भगवंत मान सरकार ने अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह की अध्यक्षता में एक नई कृषि नीति का मसौदा पेश किया है। इस नीति के तहत, राज्य के 15 ब्लॉकों में धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है, क्योंकि धान की खेती में जल पुनर्भरण दर की तुलना में 300 प्रतिशत अधिक जल का उपयोग होता है। सरकार ने धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की खेती पर जोर दिया है। सरकार ने किसान नेताओं के साथ इस नीति की जानकारी साझा की है और जल संकट को देखते हुए राज्य की कुल जल मांग (66.12 बीसीएम) का कम से कम 30 प्रतिशत (20 बीसीएम) बचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिन ब्लॉकों में धान की खेती पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, वहां किसानों को कपास, मक्का, गन्ना, सब्जियां और बागवानी फसलों की खेती करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, किसानों को मुआवजा देने की योजना बनाई गई है ताकि वे धान की खेती की तुलना में अधिक लाभ कमा सकें। नीति में धान की अधिक पानी खपत करने वाली फसल के विकल्प के रूप में बासमती, कपास, गन्ना, दलहन, तिलहन और बागवानी फसलों की सिफारिश की गई है। इसके लिए राज्य में 13 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने गेहूं की गुणवत्ता पर जोर देते हुए पौष्टिक किस्म के गेहूं का उत्पादन बढ़ाने की बात की है। आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए, किसानों के परिवारों को 10 लाख रुपये तक मुआवजा देने की योजना भी है। एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाने, बीज हब स्थापित करने, और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार ने कदम उठाने की बात की है।
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