मनमर्जी... निजी बस संचालक समांनातर चल रहे बस स्टैंड, प्रशासन को रोजाना लाखों की चपत
आईएसबीटी-17 के सामने सेक्टर-22 में खोल दफ्तर व आईएसबीटी-43 के पास कजहेडी मोहाली से चल रही निजी बसें
निजी बसें शहर में सरकारी जमीनों पर समानांतर बस स्टैंड चलाकर मनमाने किराए वसूल रही हैं, जिससे प्रशासन को लाखों का नुकसान हो रहा है।
हिमांशु शर्मा
चंडीगढ़: शहर में निजी बसों की गतिविधियां बढ़ती जा रही है लेकिन स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी हाथ पैर हाथ धरे बैठा है। उनकी नाकामी की वजह से चंडीगढ़ प्रशासन को रोजाना लाखों के राजरुव का नुकसान तो हो ही रहा है बल्कि यह निजी बस कंपनियां अब सरकारी बस स्टैंड के पास अब अपना समांनातर बस स्टैंड चल रहे हैं। यहां से रोजाना हजारों यात्रियों से मनमानी किराया वसूल कर दिल्ली,यूपी बिहार समेत कई राज्यों में पहुंच रहे।
एक समय था जब शहर में चालान और जब्त होने के दर से कोई भी निजी बस दाखिल नहीं होती थी क्योंकि प्रशासन ने शहर के अंदर इन बसों के संचालक पर रोक लगाई हुई है। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अफसरों की लापरवाही और मिली भगत की वजह से अब निजी बस संचालक न सिर्फ शहर के अंदर बेस पंजाब, हरियाणा, यूपी-बिहार के लिए लेकर जा रहे हैं, बल्कि कई जगह दफ्तर खोल कर बैठे हैं और प्रशासन की जमीनों को बस स्टैंड बना लिया है। सेक्टर-44, 45 धनास फैदां कजहेडी विकास नगर समेत कई इलाकों में निजी बसें खड़ी रहती हैं। और सवारियों को ढो रही हैं, लेकिन प्रशासन के अफसर ने आंखें मूंद रखी हैं। स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि सेक्टर 45 के रेडी मार्केट के पास हर समय कई निजी बसें खड़ी रहती हैं और वो सीटीयू, हरियाणा रोडवेज आदि की तरह चंडीगढ़ से हरदोई, लखनऊ के लिए बसें चला रहे हैं।
निजी बसों से ये है प्रशासन और जनता को नुकसान
इन बसों के पास टूरिस्ट परमिट लेकिन राज्य सरकार की बसों की तरह स्टेज कैरिज परमिट की दर्ज पर बच्चों को सवारी ढोने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करके यह भारी टैक्स की चोरी करते हैं जिससे प्रशासन को राजरुव का नुकसान हो रहा है। किराया पर प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं वह मनमर्जी के होते हैं। यह बच्चे स्टैंडर्ड के अनुसार नहीं होती। इसमें सुरक्षा के पूरे उपकरण नहीं होते। सीजन के सम एक सीट पर दो-दो लोगों को बिठाने पर मजबूर किया जाता है। कई बार लोगों को जिस जगह पहुंचाने का वादा किया जाता है। वहां ना ले जाकर रास्ते में उतार दिया जाता है।
अधिकारी कोड, एसटीए अधिकारी सौरभ विनायक का कहना है कि अगर ऐसा कुछ सब चल रहा है। जल्द ही हम इनके ऊपर कार्रवाई करेंगे।