सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर पंजाब और हरियाणा सरकार को लगाई फटकार
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम को बताया ‘शक्तिहीन’, केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार पर पराली जलाने के मुद्दे पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और सख्त दिशा-निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के बढ़ते मामलों को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार को हुई सुनवाई में अदालत ने कहा कि जमीनी स्तर पर किसी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है और राज्य सरकारें कानून का सही तरीके से पालन करने में नाकाम रही हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर सरकारें इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं होंगी, तो अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की भी आलोचना की कि वह पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने में विफल रही है।
इस मुद्दे पर अदालत ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव से भी जवाब मांगा कि 1080 उल्लंघनकर्ताओं में से 600 लोगों को बिना किसी सख्त कार्रवाई के क्यों छोड़ दिया गया। कोर्ट ने कहा कि सरकार की यह नरमी उल्लंघनकर्ताओं को संकेत दे रही है कि उनके खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा। पिछले तीन वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है। अदालत ने कहा कि अगर सरकारें सच में कानून का पालन कराना चाहती हैं, तो कम से कम एक मुकदमा तो दायर होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब और हरियाणा सरकारों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को फील्ड में भेज दिया है। पंजाब में सभी जिलों के डीसी और एसएसपी ने कई संयुक्त दौरे किए हैं, जबकि हजारों जन जागरूकता बैठकें भी आयोजित की गई हैं। पराली जलाने के मामलों में अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं और 10.55 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है। पंजाब पुलिस ने इस दिशा में तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।