कंवरदीप कौर, एसएसपी चंडीगढ़

पीईबी में पांच आईपीएस होते हैं शामिल, डीजीपी चेयरमैन, एसएसपी हैं मेंबर

चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ की नईएसएसपी कंवरदीप कौर के पदभार संभालते ही साजिशन विवाद बनाया गया, ताकि पुराने विवाद जिंदा रहें। सब जानते है कि कांस्टेबल से लेकर डीएसपी की बदली की पावर न तो एसएसपी के पास है और न ही खुद डीजीपी के पास। किसी को भी बदलना है तो सिर्फ पुलिस इस्टेब्लिशमेंट बोर्ड ही उसे बदल सकता है, यानि पीईबी कमेटी।
सीवीसी के आदेशों और सुप्रीम कोर्ट में यूटी पुलिस ने जो हलफनामा जमा करवा रखा है। उसके मुताबिक ही पिछले 16 सालों से पीईबी बोर्ड ही सबकी बदलियां करता था और आगे भी वही यह बदलियां करता रहेगा। इस प्रोसीजर को बदलने की पावर न डीजीपी के पास है न ही एडवाइजर के पास। सिर्फ सीवीसी के आदेशों पर ही इसमें बदलाव किया जा सकता है।
वह भी सुप्रीम कोर्ट की रजामंदी लेने के बाद। यानि अब सच यहहै कि एसएसपी कंवरदीप के पदभार संभालते ही जो उनसे बदलियों की पॉवर छीनने की खबरें फैलाईगई। वह झूठी और बेबुनियाद हैं। बदलियां करने के बोर्ड में डीजीपी चेयरमैन हैंऔर एसएसपी कंवरदीप कौर मैंबर। इसके अलावा आईजी राजकुमार, डीआईजी दीपक पुरोहित और एसपी ट्रैफिक मनीषा चौधरी मैंबर हंै। कायदे के मुताबिक सभी बदलियां इस कमेटी की रजामंदी पर ही होंगी।
अगर किसी को इसमें आपत्ति हो, तो वह आईपीएस अफसर अपना डिसेंट नोट भी लिख सकता है। यूटी पुलिस के अफसर अब यह जानने का प्रयास कर रहे हैंकि किसने और क्यों यह झूठी अफवाह फैलाई। ताकि न सिर्फ आईपीएस अफसरों की छवि खराब हो, बल्कि ऐसा मैसेज जाए कि यूटी पुलिस के अफसरों में आपसी खटपट चल रही है।
डीजीपी के जिन आदेशों को लेकर यह विवाद उठाया गया, उसमें पुलिस ने बताया कि ये आदेश इस्टेब्लिशमेंट को लेकर चल रहे कोर्ट केसों को लेकर थे। ताकि विभाग में वर्किंग ठीक से हो। पुलिस अफसरों ने यहां तक बताया कि एसएसपी से न कोई पावर छीनी गई है। वह अपने अधीन किसी कर्मी के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसीडिंग कर सकती है, उस पर कोई भी एक्शन ले सकती हैं।

डॉ. तरूण प्रसाद 2023 03 11T101551.242

एसएसपी यूटी से कोई पावर नहीं छिनी गई। जानबूझकर झूठी खबरें फैलाई गई। ताकि चंडीगढ़ में तैनात अलग अलग कैडर के अफसरों की छवि खराब हो। बदलियां पीईबी कमेटी करती है, जिसमें एसएसपी यूटी पहलेभी मैंबर थे और अब कंवरदीप कौर एसएसपी यूटी भी मैंबर हैं। अपने अधीन कर्मियों पर डिपार्टमेंट एक्शन लेने की पूरी पॉवर पहले भी उनके पास थी और अब भी है।
प्रवीर रंजन, डीजीपी यूटी

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