डॉ. तरूण प्रसाद 2023 05 10T125228.104

सीएम आवास के नजदीक आशियाना बनाना मुश्किल

चंडीगढ़ दिनभर

नयागांव नगर काउंसिल नयागांव के अधीन पड़ते गांव कांसल में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से 2012 से नवनिर्माण पर रोक लगाई हुई है। यह इलाका चंडीगढ़ की शान माने जाने वाले सुखना पर्यटन स्थल के पास पड़ता है। इस कारण सुखना कैचमेंट एक्ट लगा हुआ है। फिर भी 2012 से यहां अफसरों की मिलीभगत से लगातार निर्माण कार्य होता रहा है। गांव कांसल में 2012 में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सुखना कैचमेंट का हवाला देते हुए नव निर्माण पर रोक लगाई थी लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से यहां पर लगातार निर्माण कार्य हो रहे हैं। इलाके के कई पार्षद यहां पर प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं। उनकी और नगर परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण भोले भाले लोगों को यहां पर प्लाट भेज दिए जाते हैं।

जब लोग यहां पर निर्माण कार्य शुरू करते हैं ,तो परिषद के कर्मचारी उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देकर निर्माण कार्य बंद करने की धमकी देते हैं। इसके बाद रिश्वत लेकर दोबारा से उस निर्माण कार्य को शुरू करवा देते हैं। पिछले दिनों ऐसे ही कुछ मामले सामने आए हैं। इसमें नगर परिषद के कर्मचारी खुद निर्माण कार्य रुकवाने के लिए मौके पर पहुंचे हैं। लेकिन उसके 15 दिन बाद ही उसी जगह पर बिल्डिंग का निर्माण हो गया है। इलाका निवासी प्रितपाल ने बताया कि यहां पर नगर परिषद की एनओसी के बिना रजिस्ट्री करवाने पर रोक लगी हुई है। जिन लोगों ने पहले से रजिस्ट्री करवा रखी है, वह लोग यहां पर निर्माण कार्य करते हैं। उन्हें यहां पर आशियाना बनाने में कई प्रकार की मुश्किलें आती हैं। सबसे पहले नगर परिषद के कर्मचारियों को रिश्वत देनी पड़ती है।

जब मकान का निर्माण हो जाता है उसके बाद बिजली पानी के कनेक्शन के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि बिना नगर परिषद की एनओसी के बिजली-पानी के कनेक्शन भी नहीं होते हैं। गांव कांसल में जिस जगह पर नव निर्माण चल रहे हैं , उस इलाके में मकान बनाने के लिए 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की रिश्वत नगर काउंसिल के कर्मचारियों को देनी पड़ती है। इलाके में नगर परिषद के कर्मचारी हाई कोर्ट का हवाला देकर निर्माण कार्य रुकवा देते हैं। फिर रिश्वत लेकर आगे की कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। इस कारण 2012 से अब तक लगातार इस इलाके में निर्माण कार्य चल रहा है।

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