चंडीगढ़ दिनभर

ओडिशा। अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 238 लोगों की जान चली गई और 900 अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना पिछले दो दशकों में देश में सबसे घातक रेल दुर्घटना में से एक है। बालासोर में ट्रेन दुर्घटना में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और आयरन ओर से लदी एक मालगाड़ी शामिल थी।

दर्दनाक ट्रेन हादसे के घायलों की मानसिक स्थित ठीक नहीं है। अस्पताल में भर्ती मरीज अचानक से बचाओ-बचाओ चील्लाने लगते हैं। वहीं एक युवक की हालत देखकर लोगों का दिल दहल रहा है। दर्दनाक ट्रेन हादसे को एक सप्ताह हो गया है लेकिन पीड़ित यात्री खौफनाक मंजर नहीं भूल पा रहे हैं। ट्रेन हादसे के 40 से अधिक पीड़ित सदमे में हैं।

अस्पताल में इलाज करा रहे कई मरीज बेड पर लेटे-लेटे अचानक ‘बचाओ-बचाओ’, ‘मुझे बचाओ’ कहते हुए चिल्ला रहे हैं। अचानक से चीख पड़ रहे हैं। उनकी हालत देखकर लोगों का दिल दहल रहा है। मानसिक विभाग इन मरीजों के जेहन से बुरी यादें को मिटाने की कोशिश कर रहा है। वो इस बात की काउंसलिंग कर रहे हैं कि ट्रॉमा की स्थिति में ऐसे मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत और तनाव मुक्त कैसे बनाया जाए।

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