
करनाल||राजकीय महिला महाविद्यालय में महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर विश्वविद्यालय करनाल के सहयोग से न्यू स्टार्ट अप कार्यक्रम के तहत डॉ. विजय अरोड़ा ने विद्यार्थियों को बताया कि बागवानी करते समय हमें कम से कम कीटनाशको का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि कीटनाशक वर्तमान युग में कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को बढ़ावा दे रहे है | इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हर्बल पौधे फल-फूल इत्यादि लगाकर अनेक बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं | मशरूम की खेती के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि मशरूम की एक ऐसी किस्म है, जिससे हम कैंसर जैसी भयानक बीमारी को ठीक कर सकते हैं | डॉक्टर उमा प्रजापति ने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में महिलाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार महिलाएं बागवानी से स्वयं तो रोजगार प्राप्त कर ही सकते हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार प्रदान कर सकती हैं | बागवानी से ट्रेनिंग प्राप्त करके महिलाएं आचार बनाना, जेम-जेली बनाना, शहद, चिप्स बनाना, मुरब्बा, अगरबत्ती बनाना आदि सीखकर अपना उद्यम स्थापित कर सकती हैं। पी. बिंदु, सरोज पाटिल, शिवानी, जयश्री आदि कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने छोटे-छोटे उद्यम स्थापित किए हैं। आज वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने संदेश दिया कि इस तरह के प्रशिक्षण युवतियों के भविष्य के लिए लाभकारी होंगे और इनको अपनाकर वे जीवन में स्वावलंबी बन सकती हैं | प्राचार्य ने अतिथियों का विद्यार्थियों को लाभदायक रोजगार परक जानकारी देने के लिए धन्यवाद किया । इस अवसर पर प्रोफेसर नरेश सिंह, संगीता, डॉ. मीतू चावला, प्रोफेसर पवन कुमार, सहायक प्रोफेसर रचना, सहायक प्रोफेसर रेनू, डॉ. विक्रम सिंह, प्रोफेसर पूजा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।